Sunday 2 July 2017

अर्थ ऋषि - चार्टर्ड अकाउंटेंट

“शास्त्रों में चार पुरुषार्थ बताए गए हैं, जिसमें अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष शामिल हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंड अर्थजगत के ऋषि-मुनि हैं, जो इस अर्थ के क्षेत्र में लोगों को मार्ग दिखाते हैं.” यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में कही। जीएसटी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार सार्वजनिक तौर पर जीएसटी पर बोले और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को जीएसटी के बारे में समझाया। इस दौरान उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ ही तमाम चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को धन्यवाद भी कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सभा का प्रसारण देश के 200 केन्द्रों पर हुआ, जिसकी व्यवस्था द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’(ICAI) ने की। 1 जुलाई को  द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ का स्थापना दिवस भी है, इसके लिए पीएम मोदी ने ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ को शुभकामनाएं दी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी से टैक्स की चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से महान अर्थशास्त्री चाणक्य की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि कर्तव्य का समय टल जाने के बाद समय ही उसकी सफलता को खत्म कर देता है। इसीलिए इस अवसर को हाथ में मत निकलने दीजिए और राष्ट्र निर्माण में मदद कीजिए। ये मौका फिर नहीं आने वाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पहली बार कुछ ऐसी चीजें बता रहा हूं, जिसके बारे में किसी को नहीं पता। उन्होंने कहा कि 3 लाख से ज्यादा प्राइवेट कंपनियां ऐसी मिली हैं, जो नोटबंदी के बाद सवालों के घेरे में हैं। अभी ये आंकड़ा बढ़ सकता है। नोटबंदी के बाद से चल रही जांच में ये बाते सामने आई। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लुटेरी कंपनियों से लेन-देन हुआ, उनका हिसाब किसी न किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास जरूर गया होगा। जिन ऐसे लोगों ने लुटेरों पर आस्था दिखाई, क्या उनकी पहचान खुद CA नहीं करेंगे? उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को खुद CA ही पहचानें और भीड़ से अलग निकालकर खड़ा कर दें। उन्होंने कहा कि देश में 2 लाख 72 हजार से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स हैं। अगर सभी सीए और उनके कर्मचारी मिल जाएं, तो ये संख्या 8 लाख से ज्यादा की होगी। ये 8 लाख लोग देश का भला कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिर्फ 48 घंटे में ही 1 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया। ये बड़ा कदम राजनीति से परे हटकर लिया गया। सरकार ने एक मिनट में एक लाख से ज्यादा कंपनियों को कलम के एक झटके से खत्म कर दिया। ये ताकत राष्ट्रभक्ति से आती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने गरीबों को लूटा है, उन्हें गरीबों के पैसे लौटाने पड़ेंगे। 37 हजार कंपनियां जो अवैध कामों में लिप्त थी, उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे कदम का राजनीतिक दल को बड़ा नुकसान हो सकता है, पर हमनें देश के लिए ये कदम उठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी देश की व्यवस्था गड़बड़ा गई हो, तो उसे मिलकर संभाल लिया जाता है। पर अगर कुछ लोगों को चोरी करने की आदत लग जाए, तो देश और समाज कभी खड़ा नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि देश को संवारने के लिए सरकार ने 3 सालों में कई कदम उठाए। विदेशों से समझौते किए गए। विदेशों से समझौतों का क्या असर हुआ है। स्विस बैंक के आंकड़े बता रहे हैं कि भारत सरकार के काम बेहद शानदार रहे हैं। स्विस बैंकों में भारतीय धन कुबेरों की दौलत आधी घट गई है। ​साल 2014 से स्विस बैकों में धन जमा करने के मामले में कमीं आई। उन्होंने कहा कि मुझे दुख है कि साल 2013 में 42 फीसदी ज्यादा रकम स्विस बैंकों में जमा हुई। पर साल 2016 में इसमें 45 फीसदी की कमीं आई। प्रधानमंत्री ने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आर्थिक जगत के ऋषि-मुनि होते हैं। जितना मैं देश को आगे बढ़ते देखना चाहता हूं, उतना ही आप लोग भी देश को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आर्थिक जगत का ख्याल रखते हैं। 8 नवंबर का दिन सीए लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि 8 नवंबर के बाद सीए लोगों को इतना काम करना पड़ा, जितना उन्होंने पूरे करियर में नहीं किया था।
देश में जीएसटी लागू होने के बाद पीएम मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं। शनिवार को पीएम मोदी कार्यक्रम से पहले देश के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन को इस्तेमाल करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के  इंदिरा गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम के बाहर पीएम के कार्यक्रम से पहले हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद हैं। बताया गया कि प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के पहुंचने से पहले कार्यक्रम स्‍थल पर लगे बैनर-पोस्टर फाड़ डाले। प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जीएसटी लागू होने के बाद पीएम मोदी ICAI के कार्यक्रम को संबोधित किया। जीएसटी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था।
इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधान मंत्री मोदी का भाषण सारगर्भित और समयानुकूल होता है। आज के समय में शायद ही कोई ऐसा नेता हो जो इतना प्रभावी भाषण दे पाता हो। उन्होंने भौकोता पूर्ण लहजे में भी CA लोगों को समझाया कि किसी भी कंपनी का लेखा जोखा CA ही तैयार करते हैं जिनके परिणाम देखकर बुजुर्ग पुरुष या विधवा महिला अपने पेंसन के पैसे को मुचुअल फण्ड लगता है। अगर वह कंपनी CA की गलती के कारण डूब जाती है तो बताइए कि उस बुझुर्ग और विधवा महिला पर क्या असर होता है? अभी हाल ही में गुजरात दौरे के दौरान गाय के नाम पर हो रही भीड़ द्वारा की जानेवाली मानव हत्याओं पर चिंता व्यक्त की। वहां भी उन्होंने अपने गांव के एक गाय पर भावनात्मक कहानी बताई थी। उन्होंने दलितों की हत्या पर भी चिंता व्यक्त की थी। उस समय भी उन्होंने कहा था कि अगर मुझसे तकलीफ है तो मुझे मारिये पर किसी दलित की हत्या मत कीजिए!
सवाल यही है कि उनके भाषणों का कितना असर धरातल पर होता है। जिस दिन वे गाय के नाम पर हो रही हत्याओं पर गुजरात चिंता जाहिर कर रहे थे उसी दिन झाड़खंड के रामगढ़ में गाय के मांस के संदिघ्द आरोप में एक इंसान की हत्या हो गयी थी। अभी तक प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इस हत्या में रामगढ़ के ही स्थानीय भाजपा नेता नित्यानंद महतो के संलिप्तता पाई गयी है। कई दिग्गज भाजपा नेता इस तरह की हत्याओं पर बचाव की मुद्रा में तर्क देते नजर आये। तात्पर्य यह है कि या तो अधिकांश कट्टर नेता प्रधान मंत्री के इस तर्क से सहमत नहीं है या प्रधान मंत्री की सार्वजनिक रूप से भावुक होना महज औपचारिकता मात्र है। उसी तरह दलितों पर हो रहे अत्याचारों की खबरें भी आए दिन आती ही रहती है।
यु पी में जिस ख़राब कानून अर्थ व्यवस्था के नाम पर योगी सरकार आयी और अपने १०० दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते नहीं थक रही वहीं एक दारोगा की हत्या धारदार हथियार से कर दी जाती है और एक महिला सीओ श्रेष्ठा ठाकुर का तबादला इसलिए कर दिया जाता है क्योंकि उसने भाजपा कार्यकर्ताओं को कानून का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार कर लिया था।
नोट्बंदी के बाद हुई कार्रवाइयों में भी कई भाजपा और दूसरी पार्टी के नेताओं के नाम आये थे। उनपर क्या कार्रवाई हुई उसका खुलासा होना चाहिये। प्रधान मंत्री की रैलियों में जुटाई गयी भीड़ और होनेवाले खर्चों का भी ब्यौरा दिया जाना चाहिए। सभी राजनीतिक पार्टियों के फंडिंग पर भी सवाल उठाते रहे हैं उसपर भी नजर डालने के जरूरत है। काफी लोगों की मान्यता है कि अगर नेता स्वच्छ हो जाएँ तो देश अपने आप स्वच्छ हो जायेगा। उम्मीद है कि प्रधान मंत्री उन दिशाओं में भी क्रियाशील होंगे जिसका जिक्र वे अक्सर करते रहते हैं। यह भी कि उन्हें कोई स्वार्थ नहीं है। वैसे लालू परिवार और आम आदमी के नेताओं पर हो रही कार्रवाई तो दीखती है। दूसरे नेताओं पर भी कार्रवाई दिखनी चाहिए। बस यही कुछ बातें हैं, जो बहुतों के मन में है। हमारा देश बदल रहा है, यह दिखना चाहिए! जयहिंद!

-    जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर।

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